आज के दिनों में जिस तरह से भारत के युवाओं में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा है, इसको देखते हुए कई हेल्थ विशेषज्ञों ने ह्रदय रोग के प्रति युवाओं को सचेत रहने की चेतावनी दी है।
हाल के दिनों में कई ऐसी घटनाएं घटित हुई जिससे यह साफ़ जाहिर होता है, कि भारतीय युवकों में हार्ट फेलियर का खतरा कई गुना तक बढ़ गया है।
इस संबध में दिल्ली के एक हृदय रोग विशेषज्ञ (Cardiologist) डॉ. प्रकाश पंत का कहना है, कि पहले हार्ट अटैक का खतरा प्रायः 35 या इससे अधिक वर्ष के लोगों में देखा जाता था, लेकिन अब यह 25 वर्ष से कम उम्र के युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है। डॉक्टर पंत ने इसका मुख्य कारण तनाव, अनियमित खानपान और व्यायाम की कमी बताया है।
उन्होंने कहा कि युवाओं को अपने खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्हें बाहर का खाना कम खाना चाहिए और ताजी सब्जियां और फलों का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए और तनाव से बचना चाहिए।
डॉ. पंत ने कहा कि युवाओं को हृदय रोग के लक्षणों के बारे में भी पता होना चाहिए। इन लक्षणों में सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और चक्कर आना शामिल हैं। अगर किसी को इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो उसे तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हृदय रोग को रोकने के लिए युवाओं को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की जरूरत है। उन्हें नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाकर चेकअप करवाना चाहिए।
युवाओं को हृदय रोग से बचाने के लिए कुछ सुझाव (Some Tips To Protect Youth From Heart Disease) :
- स्वस्थ आहार लें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें।
- तनाव से बचें।
- धूम्रपान और शराब का सेवन न करें।
- संतुलित वजन बनाए रखें।
- नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाकर चेकअप करवाएं।