आज के इस डिजिटल युग (Digital Age) में हमें कई जगह अपने व्यक्तिगत डेटा को साझा करना पड़ता है। आज ऑनलाइन शॉपिंग करते समय, सोशल मीडिया पर पोस्ट करते समय या ऑनलाइन फ़ूड आर्डर करते समय हम ना चाहते हुए भी अपनी व्यक्तिगत जानकारी सम्बंधित कंपनी के साथ साझा करते हैं।
इसीलिए हम सभी को Data Privacy की जानकारी होना आवश्यक हो जाता है।
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क्या होता है, Data Privacy?
डेटा प्राइवेसी का मतलब होता है : हमें हमारे व्यक्तिगत डाटा को नियंत्रित करने का अधिकार होना; जिससे कोई भी हमारे डाटा का बिना हमारी सहमति के उपयोग या किसी के साथ साझा नहीं कर सकता।
आखिर क्यों जरुरी है, डेटा प्राइवेसी?
डेटा प्राइवेसी हमारी व्यक्तिगत डाटा की सुरक्षा (Security of Personal Data) को सुनिश्चित करता है। जिससे हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं, कि धोखाधड़ी या पहचान की चोरी जैसे हानिकारक उद्देश्यों के लिए हमारे Data का उपयोग नहीं किया जा सके।
Data Privacy एक मौलिक मानव अधिकार है। यह हमें अपने बारे में जानकारी को नियंत्रित करने का अधिकार प्रदान करता है, साथ ही हमें यह चुनने की स्वतंत्रता देता है, कि हम अपने डाटा को कैसे साझा करते हैं।
हमारे व्यक्तिगत स्वतंत्रता के लिए डेटा प्राइवेसी अति आवश्यक है। जब हमारा डेटा सुरक्षित होता है, तो हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हम अपनी व्यक्तिगत जानकारी के बारे में अपनी पसंद के बारे में स्वतंत्र रूप से निर्णय ले सकते हैं।
डाटा प्राइवेसी का उल्लंघन कैसे होता है?
निम्न तरीकों से Data Privacy का उल्लंघन हो सकता है :
- Data Leak : जब Security Vulnerability के कारण किसी व्यक्ति का संगठन का डेटा लीक हो जाता है।
- Data Misuse : जब किसी व्यक्ति या संगठन का डेटा किसी गलत या हानिकारक उद्देश्य के लिए उपयोग किया जाता है।
- Data Theft : जब किसी व्यक्ति या संगठन के डेटा का उपयोग अवैध रूप से किया जाता जाता है।
डाटा प्राइवेसी की रक्षा कैसे करें?
- अपने नेट बैंकिंग पासवर्ड से लेकर सोशल मीडिया पासवर्ड और स्मार्टफोन पासवर्ड तक तो मजबूत रखें; साथ ही महीने में पासवर्ड को एक बार जरुर बदलें।
- अपने डिवाइस को Latest Security Updates के साथ अपडेट रखें।
- अपने गोपनीय डाटा को केवल भरोसेमंद लोगों के साथ साझा करें।
भारत में डाटा प्राइवेसी कानून
भारत में, डाटा प्राइवेसी को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 और डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2023 के तहत संरक्षित किया जाता है। सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत, व्यक्तियों को अपने व्यक्तिगत डेटा के बारे में जानकारी का अनुरोध करने और प्राप्त करने का अधिकार है। डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2023 के तहत, एक डेटा प्राधिकरण का गठन किया जाएगा जो डाटा प्राइवेसी के उल्लंघनों को रोकने और उनका मुकाबला करने के लिए जिम्मेदार होगा।